इंटरनेशनल वैज्ञानिकों ने टेलीपोर्टेशन की विजय प्राप्ती
वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम ने वो कर दिखाया है, जो भविष्य के लिए वरदान साबित होगा। आपने कई धार्मिक सीरियल्स या फिर मूवी फिल्मों में देखा होगा कि कैसे एक इंसान चुटकियों में एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाता है | वो भी बिना किसी ट्रेन या बस या प्लेन में सफ़र किए। लेकिन अब यह संभव है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक तस्वीर को बिना फिजिकली भेजे उसे टेलीपोर्ट कर दिया। वो भी एक नहीं, कई अलग-अलग नेटवर्क के जरिए। जहाँ तस्वीर भेजी गयी वहाँ तस्वीर पहुँच भी गयी। वो भी ओरिजिनल तस्वीर को बिना नुकसान पहुँचाए।
तस्वीरों का टेलीपोर्टेशन और क्वांटम कम्युनिकेशन
यह कटिंग-एज टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करती है, जिसे क्वांटम कम्युनिकेशन कहा जाता है। जोहानेसबर्ग की यूनिवर्सिटी ऑफ़ डीविट वाटर्सः रेंड और स्पेन के इंस्टीट्यूट ऑफ़ फोटोनिक साइंसिस के शोधकर्ताओं के मुताबिक, क्वांटम कम्युनिकेशन के जरिए हम तस्वीरों को बिना फिजिकली भेजे टेलीपोर्ट कर सकते हैं। क्वांटम कम्युनिकेशन में किसी भी सूचना को 1 S और 0 S जैसी सूचना के तौर पर भेजा जाता है।
कैसे काम करता है टेलीपोर्टेशन
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस टेलीपोर्टेशन को पूरा करने के लिए एक चमकदार लेजर बीम की आवश्यकता होती है, ताकि नॉन-लिनियर डिटेक्टर एक्टिव हो सके। इससे सूचना भेजने वाला यह पता कर सकता है कि उसे भेजना क्या है। लेकिन ये जरूरी नहीं है कि वो उसे फिजिकली भेजे। वैज्ञानिकों ने इन 1 Sऔर 0 S एल्फाबेट को बढ़ाने के लिए क्वांटम ऑप्टिक्स का इस्तेमाल किया है। इसी के जरिए भविष्य में फिंगर प्रिंट्स या किसी इंसान या जानवर का चेहरा भी टेलीपोर्ट किया जा सकेगा।
टेलीपोर्टेशन की विशेस जानकारी
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह टेलीपोर्टेशन इंस्पायर्ड कंफिगुरेशन है, जिसका मतलब होता है कि कोई भी सूचना फिजिकली ट्रेवल नहीं करती है। जैसे स्मार्ट फोन या टीवी ब्रॉडकास्ट में होता है। प्रोफेसर एंड्रू फोर्ब्स ने बताया कि पारंपरिक तौर पर 2 बातचीत करने वाली पार्टियों के बीच सूचना फिजिकली जाती है फ़ोन या टीवी के जरिए। लेकिन क्वांटम की दुनिया में ऐसा नहीं होता। प्रोफेसर फोर्ब्स कहते हैं कि अब यह सम्भव है कि आप कोई भी सूचना टेलीपोर्ट कर सकते हैं, वो भी बिना उसे किसी नेटवर्क में फिजिकली भेजे हुए।
टेलीपोर्टेशन के अन्य उपयोग
जैसा कि हमने पहले कहा था, टेलीपोर्टेशन के साथ तस्वीरों को ही नहीं, बल्कि भविष्य में इंसानों या जानवरों के चेहरों या फिंगर प्रिंट्स को भी टेलीपोर्ट किया जा सकेगा। यह एक आश्चर्यजनक प्रौद्योगिकी है, जो हमारे दैनिक जीवन को बदल सकती है। इससे हम दूरीभेद को कम कर सकते हैं और दूसरी जगह पहुँचने का समय और पैसा बचा सकते हैं।
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